व्यवसाय

डीजल कीमतें 3 साल के ऊंचे स्तर पर, पेट्रोल में भी लगी आग

पेट्रोल और डीजल की कीमतों से राहत दिलाने के लिए केंद्र सरकार ने एक्साइज ड्यूटी घटा दी थी, लेक‍िन इसके बावजूद आम लोगों को बढ़ती कीमतों से राहत नहीं मिल रही है.

दिल्ली, कोलकाता और चेन्नई में डीजल की कीमतें सितंबर 2014 के बाद के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई हैं. वहीं, मुंबई में डीजल की कीमतें 3 अक्टूबर के बाद ऊंचे स्तर पर पहुंच गई हैं. 27 दिसंबर को मुंबई में एक लीटर डीजल 62.85 रुपये के स्तर पर पहुंच गया है.

पेट्रोल की बात करें, तो इसकी कीमतें भी लगातार बढ़ती जा रही हैं. मुंबई में एक लीटर पेट्रोल 77.62 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया है. दिल्ली में प्रति लीटर पेट्रोल 69.72, चेन्नई 72.26 और कोलकाता में 72.47 रुपये में मिल रहा है.

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार हो रही इस बढ़ोतरी के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की बढ़ती कीमते हैं. दरअसल OPEC और रूस की तरफ से कच्चे तेल का उत्पादन कम करने की वजह से इसकी कीमतें लगातार बढ़ रही हैं.

कच्चे तेल की कीमतें पिछले 6 महीने के दौरान 42 फीसदी बढ़ चुकी हैं. फिलहाल यह 65 डॉलर प्रति बैरल मिल रहा है. इसकी वजह से भारत में भी पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है.

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इस तरह लगातार बढ़ोतरी होती रही, तो भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से रेट कट की संभावना इस बार भी धूमिल हो जाएंगी. इससे कर्ज सस्ता होने की उम्मीद कर रहे लोगों के हाथ निराशा ही लगेगी.

फिलहाल पेट्रोल और डीजल जीएसटी के दायरे से बाहर है. ऐसे में इन्हें जीएसटी में शामिल करना एकमात्र रास्ता हो सकता है. अगर ऐसा होता है, तो आम आदमी को इनकी बढ़ती कीमतों से बड़ी राहत मिल सकती है.

पेट्रोल और डीजल के जीएसटी के तहत आने से इनकी कीमतें 45 से 55 रुपये के बीच हो सकती है. क्योंक‍ि मौजूदा व्यवस्था में जीएसटी में सबसे ज्यादा टैक्स रेट 28 फीसदी है. अगर यह टैक्स रेट लगाया जाता है, तो इनकी कीमत 55 रुपये के भीतर सिमट सकती है.

Related Articles

Back to top button