मध्य प्रदेश

MP में शराबबंदी पर शिवराज सरकार का बड़ा फैसला, घोषणा थोड़ी देर में

भोपाल। मध्यप्रदेश शिवराज सरकार की कैबनेट बैठक बुधवार को सुबह 10.30 बजे शुरू हो गई है। इससे पहले कई नेता मंत्रालय पहुंच चुके हैं। बैठक में नई आबकारी नीति सहित कई अहम प्रस्तावों पर चर्चा हो रही है। ये फैसले 1 अप्रैल से लागू होंगे।इस संबंध में कुछ ही देर बाद मंत्री नरोत्तम मिश्र बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देंगे।

शिवराज सरकार इससे पहले सिंहस्थ के समय भी शराबबंदी करने की घोषणा कर चुकी थी, लेकिन उस समय उनका कहना था कि हम जनआंदोलन चलाकर लोगों को जागरुक करते हुए इसे बंद करेंगे। ये पूरी तरह से शराबबंदी का फैसला न होकर इस ओर उठाया गया एक कदम है, जिसके बाद धीरे धीरे सरकार पूर्ण शराबबंदी की ओर बढ़ेंगे। इस के संबंध में पत्रिका ने एक मुहिम चलाई थी, जिसके बाद ही सरकार ने इस दिशा में कदम आगे बढ़ाया है।

इसी के तहत मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने प्रदेश के नौ क्षेत्रों को ड्राय-जोन घोषित करने की तैयारी कर ली है। इसके तहत इन क्षेत्रों में शराब बेचने के साथ ही पीना भी प्रतिबंधित होगा। शराब पीते पकड़े जाने पर आपराधिक मामला कायम होगा। इसमें जुर्माना और सजा का प्रावधान रहेगा। सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीने पर आपराधिक धाराएं लगेंगी। कार में बैठकर शराब पीना भी अपराध की श्रेणी में आएगा।

इस तरह की व्यवस्था नई आबकारी नीति के प्रस्ताव में शामिल की गई है। राज्य सरकार ने ड्राय जोन का कॉन्सेप्ट अमरीका के नार्थ-कैरेलिना राज्य से लिया है। वहां राज्य सरकार ड्राय-जोन घोषित करती है। इसी तर्ज पर प्रदेश में नौ स्थानों को ड्राय-जोन बनाने की तैयारी है। हालांकि ये नौ जोन के नाम अभी तय नहीं किए गए हैं। कैबिनेट में ड्राय-जोन घोषित करने का अधिकार वाणिज्यकर विभाग को सौंपा जा सकता है। बाद में स्थानों को चिन्हित करके अधिसूचना जारी की जाएगी। इसमें नर्मदा किनारे शामिल हो सकते हैं, क्योंकि वहां 5 किमी दायरे में शराब की दुकानें बंद कराई गई हैं।

नई नीति में ये भी प्रावधान

अवैध शराब बेचने पर दस साल सजा व दस लाख रुपए का जुर्माना। अभी दो साल सजा व 1 से 4 हजार तक जुर्माना है। इसी कारण यह अवैध धंधा रुक नहीं पा रहा है। रेस्टोरेंट-बार में शराब पीना महंगा होगा। इसके लिए एफएल 2 शुल्क में बढ़ोतरी होगी।
शराब के नशे में अपराध पर कोई रहम नहीं होगा। आपराधिक धारा लगेगी। प्रावधान कड़े होंगे। नशे के हाल में अपराध पर अक्सर न्यायालय में मानसिक स्थिति के मद्देनजर रियायत मिल जाती है।

नशामुक्ति को लेकर नीति में स्कूल, कॉलेज, धार्मिक स्थानों के आसपास शराब दुकानें नहीं रखने का निर्णय लिया है। इससे कुछ दुकानों को बंद भी किया जा सकता है। राजधानी में शक्तिकांड के बाद मुख्यमंत्री ने शराब अहाते बंद करने की घोषणा की थी। विभाग आबकारी नीति में इसे शामिल करने को लेकर सहमत नहीं है।कैबिनेट की बैठक दोपहर साढे तीन बजे होगी।

स्कूल-कॉलेज-गल्र्स होस्टल, धार्मिक स्थान और पवित्र नदियों के समीप दुकानें सख्ती से बंद की जाएंगी। अभी तक निर्देश होने के बावजूद ऐसे स्थानों पर दुकानें नहीं हट पाईं हैं।
अहातों पर फैसला सीएम करेंगे
शराब अहातों को बंद करने को लेकर फैसला मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान करेंगे। उन्होंने अपने रेडियो कार्यक्रम ‘दिल से में शराब अहाते बंद करने की घोषणा की थी, लेकिन वित्त मंत्री जयंत मलैया ने इन अहातों को बंद करने की बजाय इनके बार स्टाइल में सुविधायुक्त बनाने की बात कही थी। उनका तर्क था कि महिलाओं ने विरोध किया कि अहाते बंद होने से लोग खुले में शराब पीएंगे। अब फैसला कैबिनेट में सीएम स्तर पर होगा। फिलहाल कैबिनेट में ऑफलाइन नीलामी वाले 149 अहातों को बंद करने का प्रस्ताव रखा जाएगा।

पूर्ण शराब बंदी का फैसला क्यों नहीं
सरकार शराब बंदी को लेकर आश्वासन तो अनेक देती रही है लेकिन इस पर ठोस निर्णय से बचती रही है। सिंहस्थ के समय तीर्थ क्षेत्रों को शराब मुक्त करने की बात आई। फिर नदियों के किनारे शराब बंदी की बात कही गई। शहरों में धार्मिक स्थलों के आसपास रोक लगाने की बात हुई। लेकिन इन सभी स्थानों पर सख्त कभी कार्रवाई नजर नहीं आई। जरूरत पूर्ण शराब बंदी की है। ड्राय जोन की सीमाएं बहुत छोटी होंगी। और इन्हीं सीमाओं को कार्रवाई न करने के बहाने के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा। निर्णय ठोस करें और उस पर अमल भी सख्त हो।

इन प्रस्तावों पर भी लग सकती है मुहर :

-नगरीय निकायों के पास मनोरंजन कर।
-भोपाल में नेवल सेलिंग नोड की स्थापना हेतु भूमि आवंटन।
-सागर के खुरई में नए ग्रामीण थाने की स्थापना।
-विदेशों में शिक्षा के लिए अनुसूचित जनजाति छात्रों कि छात्रवृत्ति योजना मे आय सीमा बढ़ाकर 6 लाख से 10 लाख करने का प्रस्ताव।
-मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना 2017-18 से 2019-20 तक निरंतर चालू रखने का प्रस्ताव।
-भोपाल में भारत माता परिसर निर्माण के लिए नगर निगम को भूमि आवंटन करने का प्रस्ताव।
-मध्यप्रदेश नगरपालिका विधि अध्यादेश 2018 – नगरीय विकास एवं आवास विभाग के अधीन राजधानी परियोजना प्रशासन।
-भोपाल के अंतर्गत लोक वित्त से वित्त पोषित कार्यक्रमों योजनाओं एवं परियोजनाओं के परीक्षण तथा प्रशासकीय अनुमोदन का प्रस्ताव।
-लोक निर्माण विभाग में विजय सिंह वर्मा को संविदा नियुक्ति पर प्रमुख अभियंता बनाए जाने का प्रस्ताव।
-एमएसएई प्रोत्साहन व्यवसाय निवेश संवर्धन सुविधा प्रदाय योजना 2017 -18 से निरंतर रखने के प्रस्ताव

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