आरटीआई बिल में संशोधन के खिलाफ विपक्ष

सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने की मांग
दिल्ली। आरटीआई बिल में संशोधन के खिलाफ विपक्षी दल सरकार के खिलाफ खडे हो गए हैं। गैर एनडीए व गैर यूपीए दल इसके विरोध में खुलकर सामने आ गए हैं। बीजू जनता दल और तेलंगाना राष्ट्र समिति के नेताओं के साथ ही आरटीआई एक्टिविस्ट इसके विरोध में सरकार को घेर रहे हैं। विपक्षी दलों का आरोप है कि सरकार के इस कदम से सूचना अधिकार कानून कमज़ोर होगा।
बुधवार को इन दलों ने राज्यसभा में मांग रखते हुए कहा कि आरटीआई कानून से जनता को जो लाभ मिल रहा है वो इस संशोधन से प्रभवित होगा। इस संशोधन को पारित किए जाने से पहले इसे सेलेक्ट कमेटी के समक्ष रखा जाए और कमेटी की रिपोर्ट का इंतजार किया जाना चाहिए।
2005 से लागू हूआ है आरटीआई एक्ट
राईट टू इंर्फोमेशन एक्ट 15 जून 2005 को संसद द्वारा पारित किया गया और 12 अक्टूबर 2005 को पूरी तरह से लागू हो गया। आंकडों के अनुसार प्रतिदिन 4800 से अधिक आरटीआई आवेदन दायर किए जाते हैं। अधिनियम के प्रारंभ के पहले दस वर्षों में 17,500,000 से अधिक आवेदन दायर किए गए थे।