राष्ट्रीय

जगह-जगह से दरक रहा है उत्तराखंड

नैनीताल । नैनीताल से 8 किलोमीटर दूर स्थित खूपी गांव की पहाड़ी की तलहटी मे भू-स्वखलन होने की घटना सामने आई है। पिछले वर्ष जोशीमठ में जिस तरह जमीन धसने के बाद मकान गिरना शुरू हो गए थे। लगभग वही स्थिति अब नैनीताल के आसपास जमीन धसने की घटनाएं हो रही हैं। 
नैनीताल जिले के खूपी गांव के 6 मकान पूरी तरह से गिरने के कगार पर हैं। इस गांव के 19 घरों की दीवारों में दरार पैदा हो चुकी है। इस गांव की सबसे बड़ी खासियत यह है, कि यहां पर चीड़ के सुंदर पेड़ हैं। गांव के सीढ़ीदार खेत और यहां का सुंदर नजारा देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक आते हैं। अब उत्तराखंड के इस गांव में भूस्वखलन होने की घटना के बाद गांव के लोगों में दहशत फैल गई है। लोग अपने-अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित ठिकाने की तलाश कर रहे हैं। यहां का जनजीवन असामान्य हो गया है। जिला प्रशासन ने एक टीम यहां पर भेजी है। जो सर्वे कर रही है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला प्रशासन ने 15 करोड रुपए के ट्रीटमेंट की एक योजना बनाई है। जिस राज्य सरकार को भेजी है। जिस तरह से उत्तराखंड के विभिन्न क्षेत्रों में भू-स्वखलन के कारण पहाड़ और जमीन धसक रही है। उससे उत्तराखंड के लोगों में भय का वातावरण बन गया है। उत्तराखंड में जिस तरह के विकास कार्य हो रहे हैं। उसके बाद से यहां पर प्राकृतिक आपदा बढ़ती ही चली जा रही है। जिसको लेकर अब एक नई चिंता यहां के लोगों में देखने को मिल रही है। 

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