
क्या आप अंदाजा लगा सकते हैं कि व्यास गद्दी पर बैठे कोई कथावाचक प्रभु की भक्ति कर रहा हो और उस समय चुपके से भगवान का बुलावा आ जाए। ऐसा ही कुछ उज्जैन के भागवताचार्य पंडित गोपाल कृष्ण महाराज के साथ हुआ है जो कि गुरु पूर्णिमा पर राजगढ़ में श्रीमद्भागवत कथा करने गए थे, लेकिन यहां कथा के दौरान उन्हें हार्ट अटैक आया, जिससे उनकी जान चली गई।
दमदमा क्षेत्र में रहने वाले पंडित गोपाल कृष्ण महाराज राजगढ़ में अपने गुरु के समाधि स्थल पर इस वर्ष पाढ़लिया आंजना समाज और श्री सद्गुरु सेवा समिति द्वारा गुरु पूर्णिमा पर आयोजित श्रीमद्भागवत कथा का परायण करने गए थे। महाराज जी इस कथा के दौरान भक्तों को अभ्यास करने से हर काम सफल होने की बात कहने के साथ ही भजन सुना रहे थे। इस दौरान कथा स्थल की स्थिति कुछ ऐसी थी जहां भागवताचार्य पंडित गोपाल कृष्ण महाराज भजनों के माध्यम से प्रभु की भक्ति में कर रहे थे। सभी श्रद्धालुजन नृत्य कर भगवान की आराधना कर रहे थे। तभी अचानक महाराज जी ने भजन गाना बंद कर दिया और व्यास गद्दी पर ही गिर गए।
अचानक से शांत हुए महाराज जी को देख सभी दंग रहे गए। नृत्य कर रहे श्रद्धालु और सेवा समिति के लोग तुरंत महाराज जी के पास पहुंचे, लेकिन उनकी हालत ज्यादा खराब थी। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां तक पहुंचते समय ही उनकी मौत हो गई। महाराज जी की इस प्रकार से मौत होने की खबर लगते ही बड़ी संख्या में उनके अनुयायी कथा स्थल पर पहुंचे जोकि इस घटना पर बिलख बिलख कर रो रहे थे।