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छापे से जुड़ गया पूर्व CS का नाम

भोपाल के तीन बिल्डर्स के ठिकानों पर आयकर विभाग ने पिछले बुधवार को छापेमारी की थी। जांच में सामने आया कि राजधानी के रातीबड़, नीलबड़, मेंडोरी, मेंडोरा और आस-पास के गांव ब्लैकमनी खपाने के केंद्र बन गए हैं।

आयकर विभाग के अफसरों के हाथ मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस और उनकी पत्नी के नाम जमीन खरीदी के दस्तावेज भी लगे हैं। यह खरीद-फरोख्त बिल्डर राजेश शर्मा और उसके सहयोगियों के जरिए हुई है। कुछ अन्य अधिकारी, नेता, व्यापारी और फिल्मी दुनिया से जुड़े सितारों के खिलाफ भी दस्तावेज मिले हैं।

अफसरों के मुताबिक, इन सभी ने नियमों को ताक पर रखकर बेनामी संपत्तियां खरीदी हैं। बड़े पैमाने पर स्टाम्प ड्यूटी चोरी की भी जानकारी मिली है।

आयकर विभाग ने राजेश शर्मा समेत कई रियल एस्टेट कारोबारियों पर कार्रवाई की है।
आयकर विभाग ने राजेश शर्मा समेत कई रियल एस्टेट कारोबारियों पर कार्रवाई की है।
भोपाल समेत 52 ठिकानों पर की गई थी सर्चिंग
आईटी डिपार्टमेंट ने 18 दिसंबर को भोपाल में त्रिशूल कंस्ट्रक्शन, क्वालिटी ग्रुप, ईशान ग्रुप के ठिकानों पर छापेमारी की थी। इंदौर और ग्वालियर में भी सर्चिंग की गई। कुल 52 ठिकानों पर पड़ताल की गई थी, जिसमें आयकर विभाग को 10 करोड़ रुपए कैश, 25 लॉकर और गोल्ड समेत बड़ी संख्या में जमीन की खरीद-फरोख्त किए जाने के दस्तावेज मिले थे।

अब विभाग उन लोगों को नोटिस जारी करने की तैयारी में है, जिनके नाम तीनों ग्रुप से जमीन की खरीद-फरोख्त में सामने आए हैं। जांच में यह बात सामने आई है कि भोपाल के रातीबड़, नीलबड़, मेंडोरी, मेंडोरा, बीलखेड़ा, चंदनपुरा, बिशनखेड़ी समेत कई गांवों में जमीन सौदे में करोड़ों रुपए कैश दिए गए हैं। रातीबड़ में अधिकारियों के रिश्वत के रूप में भी जमीन और रुपए लेने की बात सामने आई है।

चंदनपुरा क्षेत्र में राजेश शर्मा के जरिए 50 करोड़ रुपए से अधिक की ब्लैक मनी का निवेश किया गया। बीलखेड़ा में भी पूर्व और वर्तमान ब्यूरोकेट्स ने बड़े पैमाने पर जमीनों की खरीद-फरोख्त की है।

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