माइनिंग सेक्टर में MP को 20000 करोड़ के प्रस्ताव मिले:CM
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि आज माइनिंग सेक्टर में 20000 करोड़ के प्रस्ताव राज्य सरकार को मिले हैं। व्यापार, व्यवसाय में उद्योगपतियों की बड़ी भूमिका है, इसलिए सरकार लगातार इस पर फोकस कर रही है और हर महीने इंडस्ट्री कान्क्लेव कर रही है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में हो रही दो दिवसीय खनन कॉन्क्लेव के समापन सत्र में शामिल हुए।
डॉ. मोहन यादव ने कहा कि माइनिंग बड़ा संकट वाला विभाग है। इसमें बहुत ही सोच समझकर साइन करना पड़ता है, लेकिन प्रधानमंत्री की नीति और सोच के चलते इसमें शुचिता आ गई है। एमपी में माइनिंग सेक्टर में राजस्व अभी 10000 करोड़ मिल रहा है। जिसे 50000 करोड़ तक ले जाना है। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की उद्योग लगाने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह से तैयार है और पूरा सहयोग करेगी।
CM बोले- मध्यप्रदेश नदियों का मायका है
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश नदियों का मायका है। यहां इको सिस्टम इसलिए बदल रहा है, क्योंकि मशीन लगाकर सीधे खनन किया जाता है। मध्य प्रदेश में सोने के साथ हीरा भी मिल रहा है। हीरे वाले जिले का नाम पन्ना क्यों रखा गया है, ऐसा लगता है कि मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में पन्ना भी मिलेगा।
2014 के पहले आर्थिक स्थिति और आर्थिक संपदा के मामले में देश 5वें स्थान पर था, लेकिन 10 सालों में इसमें भारी बदलाव आया है। सरकार तो हमेशा रहती है, लेकिन उसे चलाने वाला कैसा है। यह चलाने वाले पर निर्भर करता है। अधिकारी तो काम करते हैं, उनसे कैसे काम लेना है। यह सरकार चलाने वाले पर डिपेंड करता है। मैंने मंत्रियों को विभाग बांट दिए थे, लेकिन माइनिंग डिपार्टमेंट अपने पास रखा क्योंकि उसमें बहुत सी शिकायतों की बातें आती रही थी।