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घर के भीतर जैसी चाहे पूजा करना पर बाहर निकालो तो भारत माता की जय..

 

— छपास,दिखास,अंहकार और वीआईपी कल्चर से बचें

—नरेंद्र मोदी ने नवनिर्वाचित सांसदों को दी कई हिदायतें

दिल्ली। घर के भीतर जैसी चाहे पूजा पाठ करना पर घर से बाहर निकालों तो भारत माता की जय याद रखना। यह हिदायत नरेंद्र मोदी ने एनडीए के नवनिर्वाचित सांसदों को दी। उनके कहना का अर्थ है ​कि आप किसी भी धर्म के हो आप किसी भी तरह से ईश्वर की पूजा करते हो,लेकिन जब आप सांसद के रूप में घर से बाहर हो तो आप सिर्फ भारतवासी है। साफ तौर पर धर्मर्निपेक्षता का संदेश मोदी ने आपने सांसदो को दिया। उन्होंने कई और ​हिदायतें दी । नरेंद्र मोदी को सेंट्रल हॉल में एनडीए की बैठक में सांसद दल का नेता चुना गया। उन्होंने बाद में राष्ट्रपति के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश किया। मोदी 30 मई को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। उससे पहले वे रविवार को देर शाम गुजरात जाकर अपनी मां से आर्शीवाद लेंगे। फिर 28 को बनारस जाएंगे।

सेंट्रल हॉल में नरेंद्र मोदी ने कहा कि जो नए सांसद है उन्हें बहुत सभंलकर चलने की जरूअत है। उन्होंने कहा कि छपास,दिखास,अंहकार और व्हिआईपी कल्चर से बचें।। छपास और दिखास प्रेम की वजह से कुछ तो भी बोल दतें और फिर परेशानी सरकार की बढती हैं इसे से बचना बहेद जरूरी है। अंहकार पालना नहीं कि आप अपनी वजह से सांसद बने है या मोदी ने बनाया है आपको जनता जर्नादन ने मौका दिया है। व्हिआईपी समझने की भूल कभी न करें,समान्य नागरिक बन कर रहें।

ऑफ द रिकॉर्ड कुछ नहीं होता…

मोदी ने कहा कि मिडिया वाले आपके पास आएंगे ऑफ द रिकॉर्ड बता दीजिए, आपने कुछ बोला तो टीव्ही, अखबार की खबर बना देंगे,इसलिए यह समझ लिजिए कि ऑफ द रिकॉर्ड कुछ नहीं होता। बोलने से पहले समझ लिजिए क्या पूछा जा रहा है,तत्काल जबाव नही दो, पहले सवाल के सबंध में जानकारी लो। नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये मिडिया वाले कहीं भी केमरा छुपा कर आते और रिकार्ड कर लेते फिर आप परेशान होते है,इसलिए समझ कर बोलें।

— दिल्ली में ठग बहुत मिलते हैं…

आप सांसद नहीं थे उस समय कोई आपका नहीं पूछता था, अब आप सांसद है तो आप जैसे
रलेवे स्टेशन पर उतरेंगे आपको ठग घेर लेंग,बहुत सेवा करेंगे। इनकी सेवा से बचना। ये कब खेल दिखा जाएंगे पता भी नहीं चलेंगे। आपने साथ आपने क्षेत्र के भारोसे के लोग रखना।

— अब आप सबके सांसद है..

मोदी ने कहा कि जनप्रतिनिधि किसी एक समुदाय विशेष, विचारधारा का नहीं हो सकता। सांसद सबका होता है। आप अब सबके है, जो साथ है उनके भी जो सा​थ नहीं उनके भी। कोशिश किजिए कि विरोध करने वालो का भी विश्वास जीत पाएं ।

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