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लालकिले पर लाल हुआ देश,सरकार ने बेचा नहीं है किला

दिल्ली। देश की शान लालकिला को डालमिंया कंपनी को रखरखव के लिए सौंपा गया है। यह कंपनी लाल किले के दरवाजे से लेकर पेयजल तक का इंतजाम करेगी। सरकार के इस निर्णय का विपक्ष सहित देश भर में विरोद्ध हो रहा है। यहां तक कहा जा रहा है कि सरकार ने लालकिला बेच दिया है, हलांकि सरकार ने इस बात से साफ इंकार किया है कि किला बेचा गया है। सरकार का कहना है कि रखरखाव की जिम्मेदारी कंपनी को सौंपी गई है।

जानकारी के अनुसार मोनुमेंट मित्रा योजना के तहम लालकिले के रखरखाव की कार्य द डालमियां कंपनी को दिया है। इा योजना के तहत कोई भी कंपनी ऐतिहासिक और पुरातात्विक महत्व से जुड़ी इमारतों की देखरेख जिम्मा लें सकती है। लाल किले की देखरेख द डालमिंया कंपनी सीएसआर फंड से करेगी।

यह बोल रहे है देशवासी
प्रवक्ता पवन खेड़ा का कहना है कि अगर आप धन की कमी के चलते निजी हाथों में सौंप रहे हैं तो यह भी बताएं कि हर साल एएसआई को आवंटित बजट भी खर्च नहीं होता है। यह तर्क गलत है कि पैसा आएगा और वहां लगाया जाएगा।

इसी तरह कवि और नेता कुमार विश्वास ने कहा है कि जब औलादें निक्क्मी हो जाती है तो बुर्जगों की विरासतें बेचने लगती है यह सरकार भी यही कर रही है।

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