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36 संविदा डॉक्टरों को भाया MP, नौकरी छोड़ने का अल्टीमेटम

प्रशांत गुप्ता, रायपुर। प्रदेश के दो सरकारी मेडिकल कॉलेजों के 36 संविदा डॉक्टर्स ने नौकरी छोड़ने का अल्टीमेटम दे दिया है। उन्होंने डीन से एनओसी मांगी है। ये सभी मध्यप्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में नौकरी के लिए आवेदन कर चुके हैं, क्योंकि वहां नियमित नियुक्तियां हो रही हैं।

डॉक्टर्स के अल्टीमेटम से चिकित्सा शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। यही वजह है की अब छत्तीसगढ़ भी मध्यप्रदेश के नियम को लागू करने का कवायद में जुट गया है, जहां सीधे मेडिकल कॉलेज डीन/स्वशासी समिति को नियमित नियुक्त का अधिकार है।

चिकित्सा शिक्षा संचालनालय ने यह ड्राफ्ट तैयार कर लिया है, जिसे लेकर संचालक और कॉलेजों के डीन ने स्वास्थ्य मंत्री अजय चंद्राकर से मुलाकात की। चंद्राकर ने इन्हें आश्वस्त किया है कि जल्द रास्ता निकाला जाएगा। बतां दें कि अभी मेडिकल कॉलेजों में मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) के निरीक्षण का दौर है, अगर पद खाली रहे तो 3 कॉलेजों की मान्यता खतरे में पड़ जाएगी।

कहां के कितने डॉक्टर ने छोड़ी नौकरी

राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज- 19, रायगढ़ मेडिकल कॉलेज- 17

आखिर क्यों छोड़ रहे नौकरी जबकि वेतन अधिक- संविदा डॉक्टर्स का प्रदेश में वेतन अधिक है लेकिन वे स्थाई नहीं हैं। उन्हें पद से हटाया जा सकता है। जबकि एमपी में स्थाई नौकरी है भले ही वेतन कम है। यानी भविष्य की चिंता खत्म।

दौड़े भागे पहुंचे डीन रायपुर

जैसे ही संविदा डॉक्टर्स ने इस्तीफे की पेशकश की राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. आरके सिंह और स्व. लखीराम अग्रवाल मेमोरियल मेडिकल कॉलेज डीन डॉ. एसके आदिले दौड़े-भागे राजधानी पहुंचे। यहां संचालक डॉ. चंद्राकर को हालात की जानकारी दी। इसके बाद मध्यप्रदेश के नियम पर चर्चा हुई और सलाहकार डॉ. सुनील वर्मा के साथ बैठकर यह ड्राफ्ट तैयार किया गया।

रास्ता निकाला जा रहा है

देखिए, सभी राज्यों में सैलरी स्ट्रक्चर अच्छा है और ये स्थाई नौकरी दे रहे हैं यही वजह है की डॉक्टर्स एनओसी मांग रहे हैं। कोशिश कर रहे हैं कि मध्यप्रदेश जैसा अधिकारी डीन को भी मिले। हमारा ड्राफ्ट तैयार है, जो शासन के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।

डॉ. अशोक चंद्राकर, संचालक, चिकित्सा शिक्षा

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