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अमरीका की घोषणा से भारत की बाछें खिलीं, पाक-चीन में हड़कम्प

वॉशिंगटन: अमरीकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप द्वारा अपनी बहुप्रतीक्षित राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति की घोषणा के बाद जहां भारत की बाछें खिल गई हैं वहीं चीन और पाकिस्‍तान में हड़कम्प मचा हुआ है। ट्रंप की इस घोषणा में चार अहम बातें पाकिस्‍तान और चीन के लिए परेशानी का सबब बन सकती हैं। ट्रंप ने इस रणनीति की घोषणा ऐसे समय में की है जब चीन और भारत के बीच डोकलाम विवाद फिर बढ़ता दिखाई दे रहा है। इसके अलावा चीन की महत्‍वाकांक्षी योजना ओबीओआर को लेकर चर्चा गर्म है। वहीं चीन और पाकिस्‍तान के लिए यह बात भी परेशान करने वाली हो सकती है कि अमरीका भारत को विभिन्‍न मुद्दों पर खुला समर्थन देने को तैयार है।

घोषणा की चार अहम बातें
इस घोषणा में पहली अहम बात ये है कि अमरीका ने माना है कि चीन उसका सबसे बड़ा प्रतिद्वंदी है। इसके अलावा उन्‍होंने चीन से निपटने की भी बात की है। दूसरी अहम बात है कि अमरीका ने भारत को महत्वपूर्ण सहयोगी करार देते हुए द्विपक्षीय रिश्‍तों को मजबूत करने की बात की है। तीसरी अहम बात है अमरीका ने भारत को एक अग्रणी वैश्विक शक्ति के तौर पर चिह्न्ति किया है और वह महत्वपूर्ण मुद्दों पर भारतीय रुख का खुलेआम समर्थन करने को भी तैयार दिखाई दे रहा है। घोषणा की चौथी अहम बात थी कि अमरीका ने पाकिस्‍तान को एक बार फिर अपनी जमीन पर मौजूद आतंकी संगठनों को खत्‍म करने की कड़ी चेतावनी दीहै।

चीन में नाराजगी
ट्रंप की इस पॉलिसी को लेकर चीन में काफी नाराजगी देखी जा रही है। चीन की तरफ से विदेश मंत्रालय की प्रवक्‍ता हुआ चुनयिंग ने कहा कि दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग करने के अलावा कोई दूसरा विकल्‍प नहीं है। उन्‍होंने यह भी कहा कि चीन अमकारी से यह अपील करता है कि उसके रणनीतिक इरादों का गलत अर्थ न निकाला जाए। उन्‍हें ध्‍यान रखना चाहिए कि शीतयुद्ध का समय बीत चुका है, अब इस बारे में सोचना भी बेकार है। यह केवल दोनों देशों का नुकसान ही कर सकता है। उन्होंने यह भी माना है कि दो बड़े देश होने के साथ दोनों देशों के बीच विभिन्न मुद्दों पर मतभेद हैं। दोनों देशों को इन मतभेदों को आपसी बातचीत से दूर करना चाहिए। यह भी ध्यान रखने वाली बात है कि दोनों देशों के हित लगभग समान है, लिहाजा दोनों को ही टकराव से बचना चाहिए।

आतंकवाद के नाम पर सिर्फ पाक का जिक्र
56 पन्‍नों के इस घोषणा दस्‍तावेज में पाकिस्‍तान का जिक्र सिर्फ आतंकियों के खात्‍मे के लिए ही किया गया। अपने भाषण में ट्रंप ने यहां तक कहा कि पाकिस्‍तान को अमरीका की तरफ से हर वर्ष मिलने वाली आर्थिक मदद के लिए शुक्रिया अदा करना चाहिए। उन्‍होने यह भी कहा कि यदि पाकिस्‍तान अमरीका के साथ रिश्‍तों को बनाए रखना चाहता है तो उसको अपने यहां मौजूद आतंकियों को हर हाल में खत्‍म करना ही होगा। ट्रंप ने इस घोषणा के तहत यह भी साफ कर दिया है कि अमेरिका लगातार पाकिस्‍तान में मौजूद आतंकी संगठनों की वजह से खतरा महसूस करता रहा

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