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US के दबाव में मजबूर हुआ पाक, हाफिज समेत कई आतंकियों के बैंक खाते करेगा बंद

अमेरिका सहित दुनिया के कई देशों के दबाव के चलते पाकिस्तान ने अपनी धरती पर पनप रहे आतंकवाद के खिलाफ कुछ सख्त कदम उठाए हैं. राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने ‘एंटी टेरेरिज्म एक्ट’ से जुड़े अध्यादेश को मंजूरी दे दी है. इसके तहत अब पाकिस्तान सरकार को उन आतंकी संगठनों और उनसे जुड़े लोगों के ऑफिस और अकाउंट बंद करने होंगे, जिन्हें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) बैन कर चुकी है.

बता दें कि अब तक पाकिस्तान इन संगठनों पर अपनी मर्जी के हिसाब कार्रवाई करता आया है, जो सिर्फ दिखावे के लिए होते थे.

पाकिस्तान के अखबार ‘द ट्रिब्यून’ की एक रिपोर्ट में आतंकवाद के खिलाफ कानून में अहम बदलाव की जानकारी दी है. अधिकारियों को यूएनएससी द्वारा प्रतिबंधित व्यक्तियों और आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने, उनके दफ्तरों और बैंक खातों को सील किए जाने का अधिकार दिया गया है.

तीन मंत्रालय मिलकर करेंगे काम

राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक प्राधिकरण (एनएसीटीए) ने इस नए कदम की पुष्टि की है. एनएसीटीए के मुताबिक, अब गृह मंत्री, वित्त मंत्री और विदेश मंत्री के साथ-साथ एनएसीटीए की आतंकवाद वित्तपोषण विरोधी (सीएफटी) यूनिट इस मामले पर एक साथ मिलकर काम करेगी. हालांकि, इस संबंध में राष्ट्रपति भवन ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है.

इन संगठनों पर पड़ेगा असर
यूएनएससी की प्रतिबंधित सूची में अल-कायदा, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, लश्कर-ए-झांगवी, जमात-उद-दावा, फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (एफआईएफ), लश्कर-ए-तैयबा और अन्य शामिल हैं. पाक सरकार के नए कानून के बाद इन संगठनों की फंडिंग पर असर पड़ेगा.

क्या इसलिए पाकिस्तान ने उठाए ये कदम?
हाल के दिनों में कई देशों में आतंकी हमले बढ़े हैं. अफगानिस्तान में हुए कई हमलों में आतंकियों से पाकिस्तानी हथियार भी मिलने का दावा किया गया है. पाकिस्तान आतंकियों के लिए सुरक्षित पनाहगार बनता जा रहा है. ऐसे में भारत, अमेरिका समेत दुनिया के कई देश पाकिस्तान पर दबाव बना रहे थे. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कई बार चेतावनी देने के बाद पाकिस्तान को दी जाने वाली आर्थिक और सैन्य मदद भी रोक दी थी. उधर, संयुक्त राष्ट्र भी दबाव डाल रहा था. ऐसे में पाकिस्तान को आखिरकार आतंकियों के खिलाफ कदम उठाना पड़ा.

आतंकियों को पनाह देने पर पहले ट्रंप ने क्या कहा था?
इसके पहले ट्रंप ने कहा था कि पाकिस्तान अराजकता, हिंसा और आतंकवाद फैलाने वालों को सुरक्षित पनाह देता है. इसके बाद दोनों देशों के रिश्तों में गर्माहट खत्म हो गई है. ट्रंप प्रशासन में यह बहस चल रही है कि पाकिस्तान को आतंकवाद के खात्मे के नाम पर आर्थिक मदद दी जानी चाहिए या नहीं.

पिछले 5 साल में पाक को अमेरिका से कितनी मदद मिली?
बता दें कि अमेरिका 2002 से अब तक पाकिस्तान को आतंकवाद से लड़ने के लिए 33 अरब डॉलर (करीब 2 लाख 11 हजार करोड़ रुपये) की आर्थिक मदद दे चुका है. अमेरिका ने अगस्त में कहा था कि जब तक पाकिस्तान आतंकी गुटों पर कार्रवाई तेज नहीं करता, वह उसे दी जाने वाली 25.5 करोड़ डॉलर की आर्थिक मदद रोक कर रखेगा.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हाफिज के दफ्तर के बाहर हुई कार्रवाई
वहीं, पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पंजाब पुलिस ने आतंकी हाफिज सईद के प्रतिबंधित ‘जमात उद दावा’ के खिलाफ कार्रवाई की है. पुलिस ने ‘जमात उद दावा’ के हेडक्वार्टर के बाहर एक दशक से ज्यादा समय पहले सुरक्षा के नाम पर लगाए गए अवरोधक हटा दिए हैं.

बता दें कि पाक सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस साकिब निसार ने पंजाब पुलिस को लाहौर में सुरक्षा के नाम पर ब्लॉक किए गए सभी सड़कों को खोलने का आदेश दिया था.

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