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मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने में रोड़ा अटकाने वाला चीन बोला

आतंकी मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र की काली सूची में डलवाने के भारत के प्रयासों में रोड़ा अटकाने वाला चीन अब खुद पाकिस्तानी आतंकियों से डर गया है। यही वजह है कि पाकिस्तान स्थित चीनी दूतावास ने वहां रहने वाले अपने नागरिकों को आगाह किया है। आतंकी हमले की आशंका को देखते हुए उन्हें विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है। मालूम हो कि कुछ दिनों पहले ही चीन ने भ्रष्टाचार का आरोप सामने आने के बाद चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के लिए दी जा रही फंडिंग पर रोक लगा दी थी। पाकिस्तानी मीडिया में यह खबर आने के बाद अब चीन ने वहां रहने वाले अपने नागरिकों पर आतंकी हमले की आशंका जताई है।

चीन के सरकारी समाचारपत्र ‘पिपुल्स डेली’ ने चीनी दूतावास द्वारा एडवायजरी जारी करने की जानकारी दी है। अखबार ने ट्वीट किया, ‘पाकिस्तान स्थित चीनी दूतावास ने अपने नागरिकों और संगठनों को सुरक्षा के लिहाज से अतिरिक्त सावधानी बरतने का निर्देश दिया है। चीनी नागरिकों पर आतंकी हमले की आशंका को देखते हुए उन्हें भीड़-भाड़ वाले इलाकों में न जाने की सलाह दी गई है।’ चीनी दूतावास अपने नागरिकों को यह सलाह ऐसे समय में दी है जब बीजिंग ने सीपीईसी के तहत जारी की जाने वाली फंडिंग पर अस्थाई रोक लगाने की घोषणा की है। पाकिस्तानी अधिकारियों ने बताया था कि परियोजना में भ्रष्टाचार के आरोपों से चीन बेहद चिंतित है, जिसके चलते यह कदम उठाया गया। पाकिस्तान में कई आतंकी संगठन सक्रिय हैं। यहां आमतौर पर आतंकी हमले की घटनाएं होती रहती हैं।

मालूम हो कि वैश्विक मंचों पर भारत लगातार पाकिस्तान में आतंकी संगठनों के सक्रिय होने की बात उठाता रहा है। नई दिल्ली जैश-ए मोहम्मद के सरगना को यूएन की काली सूची में डलवाने के लिए भी प्रयास करता रहा है, लेकिन चीन इस प्रयास में लगातार बाधा उत्पन्न करता रहा है। चीन वीटो प्राप्त पांच महाशक्तियों में से एक है। चीन को छोड़ कर सभी वीटो प्राप्त देश भारत के कदम के समर्थन में है। यूएन ने मसूद अजहर के संगठन जमात उद दावा को पहले ही काली सूची में डाल चुका है। अमेरिका ने तो कुख्यात आतंकी पर इनाम भी घोषित कर रखा है। इसके बावजूद चीन अपने अड़ियल रवैये पर कायम है।

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