मध्य प्रदेशमुख्य समाचार

अपने हुनर को रोजगार का माध्यम बनाएं- संभागायुक्त

आजीविका सम्मेलन में महिलाओं ने सुनाई अपनी सफलता की कहानी
48 एसएचजी को कराया गया 65 लाख रूपए का बैंक लिंकेज
रायसेन । ग्राम स्वराज अभियान अन्तर्गत आजीविका एवं कौशल विकास दिवस के अवसर पर जिले के सभी विकासखंडों में स्व-सहायता समूहों के सम्मेलन आयोजित किए गए।  विकासखण्ड में आयोजित सम्मेलन में अनेक स्व-सहायता समूहों की 500 से अधिक महिलाएं शामिल हुईं। सभी विकासखण्डों में आयोजित सम्मेलनों में जिले के 48 स्व-सहायता समूहों को 65 लाख रूपए का बैंक लिंकेज कराया गया।
 औबेदुल्लागंज में आयोजित स्व-सहायता समूहों के सम्मेलन में भोपाल संभागायुक्त अजातशत्रु श्रीवास्तव, कलेक्टर श्रीमती भावना वालिम्बे तथा जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अमनवीर सिंह बैस ने स्व-सहायता समूहों की महिलाओं की जुबानी सफलता की कहानी सुनी और आर्थिक स्थिति सुदृढ़ बनाने के लिए विस्तार से चर्चा की। उन्होंने ग्राम लुलका में स्व-सहायता समूहों के प्रयासों से तैयार किए जा रहे जैविक खाद के नाडेफ देखें। इस गांव में 90 नाडेफ होने की जानकारी मिलने पर उन्होंने कहा कि गांव को पूरी तरह जैविक खेती के लिए प्रेरित किया जाए।
 संभागायुक्त श्री अजातशत्रु ने आजीविका मिशन के तहत स्वरोजगार स्थापित करने वाली सफल महिलाएं श्रीमती शकुन ग्राम गाड़ा, श्रीमती सुनीता नंदवंशी ग्राम लुलका, श्रीमती अनीता ग्राम थाना तथा श्रीमती निशा यादव ग्राम किगरिया से उनके द्वारा बनाए जा रहे दोना पत्तल, साबुन, सिनेटरी नेपकिन, अगरबत्ती एवं अन्य उत्पादों के बारे में विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने उन सभी महिलाओं की सराहना की जो रोजगार स्थापित कर आत्मनिर्भर हुई हैं।
 संभागायुक्त श्री अजातशत्रु ने महिलाओं से कहा कि कौशल उन्नयन द्वारा अपने हुनर को आजीविका का माध्यम बनाएं और इसका विस्तार करें। उन्होंने कहा कि महिलाओं की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी तो परिवार और समाज सुदृढ़ होगा। उन्होंने कहा कि वे शासन की योजनाओं का लाभ लेते हुए आगे बढ़े। उन्होंने सीईओ जिला पंचायत तथा एसडीएम को निर्देश दिए कि स्व-सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा बनाए गए उत्पादों के विक्रय के लिए मण्डीदीप के उद्योग संचालकों के साथ बैठक कर तकनीकी एवं व्यवसायिक परामर्श के साथ सहयोग लें ताकि इन महिलाओं के उत्पादों के लिए बाजार उपलब्ध कराया जा सके।
स्व-सहायता समूहों के माध्यम से महिलाएं बने आत्मनिर्भर- कलेक्टर
 कलेक्टर श्रीमती भावना वालिम्बे ने महिलाओं से उनके द्वारा बनाए जा रहे विभिन्न उत्पादों के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि महिलाएं स्व-सहायता समूह के माध्यम से स्वयं का रोजगार स्थापित कर आत्मनिर्भर बनें। उन्होंने कहा कि महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनेंगी तो वे न केवल परिवार, समाज और देश के विकास में भागीदार बनेगी बल्कि अपने निर्णय भी स्वतंत्र रूप से ले सकेंगी। उन्होंने कहा कि जिले के कई स्व-सहायता समूहों की महिलाएं अच्छा काम कर रही हैं और उन्होंने अपनी अलग पहचान भी बनाई है। श्रीमती वालिम्बे ने ऐसी सभी महिलाओं को बधाई दी जिन्होंने स्वयं रोजगार स्थापित कर अपने परिवार की दिशा-दशा बदली है।
 उन्होंने जिले के सभी स्कूल, कॉलेज, आंगनबाड़ियों एवं अन्य स्थानों पर महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा बनाए गए सनेटरी पेड विक्रय की व्यवस्था के लिए सीईओ जिला पंचायत को निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने स्व-सहायता समूहों द्वारा तैयार किए गए फाईल-पेड कलेक्ट्रेट सहित अन्य विभागों के कार्यालयों में क्रय करने के संबंध में भी सीईओ जिला पंचायत को निर्देश दिए।
 सम्मेलनों में कौशल उन्नयन तथा स्वरोजगार के लिए महिलाओं का पंजीयन किया गया। सम्मेलनों में स्वरोजगार के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं ने अपने अनुभव साझा किए।

Related Articles

Back to top button